प्रतिष्ठित कर्नाटक संगीतकार थोदुर मदाबुसी कृष्णा को 2024 में संगीत कलानिधि पुरस्कार विजेता के रूप में चुना गया है। यह पुरस्कार उन्हें संगीत के जगत में एक उच्च स्थान पर स्थापित करता है। कर्नाटक संगीत के लिए ऑस्कर के रूप में मान्यता पाने वाला यह पुरस्कार, चेन्नई में संगीत अकादमी द्वारा सम्मानित किया जाता है। इस सम्मान के साथ, उनकी साहित्यिक और संगीतीय योगदान को मान्यता मिली है, जो उन्हें एक विशेष स्थान पर ले जाती है।”
48 वर्षीय संगीत के सम्राट टी एम कृष्णा को मंच पर एक गायक के रूप में और मंच के बाहर एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनकी शक्तिशाली आवाज को पहचाना जाता है। उन्होंने संगीत में अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण भगवतुला सीतारमा सर्मा और चेंगलपेट रंगनाथन से प्राप्त किया, जिन्हें दोनों ने संगीत अकादमी से संगीत कला आचार्य पुरस्कार (संगीत शिक्षकों के लिए) प्राप्त किया।
बाद में, प्रसिद्ध सेम्मनगुडी श्रीनिवास अय्यर ने कृष्णा की प्रतिभा से प्रभावित होकर उन्हें अपने संरक्षण में ले लिया। उनके तालीम और संगीतीय धारणा ने संगीत की दुनिया में एक नया आयाम स्थापित किया। उनकी अनगिनत रियाज़त और संगीत दृढ़ता ने उन्हें संगीत की शिखर पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया।
संगीत के सम्राट टी एम कृष्णा की आवाज में एक अद्वितीय गहराई और भावनाओं की समृद्धता है, जिससे वह न सिर्फ संगीत के मंच पर बल्कि बाहरी दुनिया में भी अपनी पहचान बनाए रखते हैं। उनके संगीतीय रंगों की विविधता और उनकी आत्मविश्वासपूर्ण प्रस्तुति ने उन्हें संगीत के क्षेत्र में एक अमूल्य नकारात्मक ऊर्जा का अभिवादन किया है।
मंच के बाहर, कृष्णा अपने वाम-उदारवादी विचारों और संगीत को सामाजिक सुधार के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग करने के प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला, जो उनके इस अद्वितीय प्रयास की सराहना करता है। उनके जाति-विरोधी और राजनीतिक विचारों ने उन्हें एक विवादास्पद संगीतकार बना दिया है। उनके संगीतीय अभियानों ने लोगों को जागरूक किया और सामाजिक परिवर्तन के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बनाया है।
उन्होंने संगीत को एक सामाजिक उद्देश्य के लिए उपयोग करने का संकल्प लिया है और इसमें सफलता प्राप्त की है। उनकी साहित्यिक और संगीतीय रचनाओं ने समाज को सम्मानित किया और एक सामूहिक चेतना उत्पन्न की है। उनका योगदान संगीतकारी के रूप में ही नहीं, बल्कि एक समाज सुधारक के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, वे संगीत के क्षेत्र में सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि एक समाज के नेता भी हैं।
इस उपलब्धि ने स्पष्ट किया है कि संगीत के क्षेत्र में टी एम कृष्णा एक सम्राट हैं। उनके प्रतिभा और योगदान ने संगीत की दुनिया में एक उच्च स्थान पर उन्हें स्थापित किया है। उन्हें 2024 में संगीत कलानिधि पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो संगीतकारों के लिए ऑस्कर के रूप में माना जाता है।
संगीत के सम्राट टी एम कृष्णा ने अपने संगीतीय प्रयासों के साथ-साथ समाज में भी अपनी पहचान बनाई है। उनकी शक्तिशाली आवाज ने उन्हें मंच पर गायक के रूप में अद्वितीय बनाया है, जबकि उनका सामाजिक कार्यकर्ता बनना उनके सामाजिक सुधार के प्रयासों को प्रोत्साहित करता है।
कृष्णा की आवाज़ में एक अद्वितीय गहराई है, जिसे वह अपने संगीत के माध्यम से बख़ूबी प्रकट करते हैं। उनका संगीत समाज में सामाजिक बदलाव को प्रोत्साहित करता है और एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में अपनी योगदान को दर्शाता है।
इस प्रकार, कृष्णा ने न केवल संगीत की दुनिया में अपनी महत्वपूर्ण उपलब्धियों से अपनी अद्वितीय पहचान बनाई है, बल्कि समाज के सुधारक के रूप में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।